उमा भारती ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें, कहा मैं नहीं कहूंगी कि भाजपा को वोट करो

Author: Naman Chouhan

भोपाल। शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की सरकार की तल्खी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा वोटरों को अपने से जोड़ने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। वहीं उमा भारती के एक बयान ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। उमा भारती ने लोधी समाज एक कार्यक्रम में कहा कि चुनाव में मेरी संभाएं होगी, पार्टी के मंच पर आऊंगी, लोगों का वोट मांगूगी, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगी की लोधियों तुम भाजपा को वोट करो, मैं सभी से कहती हूं कि भाजपा को वोट करो, क्योंकि मैं तो अपनी पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं, लेकिन मैं आपसे थोड़ी अपेक्षा करूंगी कि आप पार्टी के निष्ठावान सिपाही होंगे, अब आपको अपने आसपास का हित देखना है। उमा भारती ने आगे कहा कि अगर आप पार्टी के कार्यकर्ता नहीं है,अगर आप पार्टी के वोट नहीं है तो आपको सारी चीजों को देखकर ही अपने बारे में फैसला करना है। यह मानकर चलिए कि प्यार के बंधन में तो हम बंधे हुए हैं, लेकिन राजनीतिक बंधन से मेरी तरफ से पूरी तरह से आजाद हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की सियासत में उमा भारती लोधी समाज का एक बड़ा चेहरा है और भाजपा चुनाव के समय उमा भारती को स्टार प्रचारक का दर्जा देकर उनसे सभाएं भी कराती है। लेकिन इन दिनों उमा भारती अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। उमा भारती के इस बयान को पिछले दिनों उनके नजदीकी रिश्तेदार और लोधी समाज के नेता प्रीतम लोधी पर पार्टी की कार्रवाई के बाद लोधी समाज में उपजी नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी को लेकर पहले छलका था दर्द- मध्यप्रदेश में लंबे समय से शराबबंदी को लेकर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा खोलने वाली उमा भारती की पिछले दिनों अपनी ही पार्टी के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। उमा भारती ने शराब को लेकर अपने अभियान में पार्टी से समर्थन नहीं मिलने को लेकर पीड़ा जताई थी। उमा भारती ने लिखा कि मेरे अभियान पर निजी तौर पर पार्टी और नेता समर्थन करते है लेकिन पार्टी की तरफ से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता है। 2019 से पहले गंगा के किनारे की यात्रा के लिए और अब शराब के खिलाफ अपने अभियान के लिए भगवान का और लोगों का साथ तो रहा, लेकिन मेरी अपनी पार्टी भाजपा मेरे इन दोनों अभियानों के प्रति कार्यक्रम के दृष्टि से तटस्थ रही। निजी तौर पर मेरे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन दोनों अभियानों के लिए मेरे प्रति सम्मान एवं समर्थन दिखाते हैं, लेकिन पार्टी के तरफ से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता है।