Prithvi shaw vijay hazare: MCA ने पृथ्वी शॉ को कहा 'अपना खुद का दुश्मन': विजय हजारे ट्रॉफी टीम से बा

Author: Mufaddal Ratlami

पृथ्वी शॉ, जिन्हें कभी भारतीय क्रिकेट का अगला बड़ा सितारा कहा जाता था, आज अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने उन्हें vijay hazare trophy टीम से बाहर कर दिया है और उनकी फिटनेस, अनुशासन और रवैये को लेकर सख्त टिप्पणी की है।

prithvi shaw vijay hazare: MCA ने शॉ को "अपना खुद का दुश्मन" कहा है, जो इस बात का संकेत देता है कि उनकी असफलता का कारण उनकी ही लापरवाही है। जहां शॉ की प्रतिभा पर किसी को संदेह नहीं है, वहीं उनका अनुशासनहीन रवैया और फिटनेस की कमी उनके करियर के लिए सबसे बड़ी बाधा बन गई है।

Image Credit - Instagram | prithvishaw[/caption]

prithvi shaw vijay hazare: शानदार शुरुआत, लेकिन गिरता प्रदर्शन: पृथ्वी शॉ का करियर अब तकडेब्यू से चमकने की शुरुआत

पृथ्वी शॉ ने 2018 में टेस्ट क्रिकेट में धमाकेदार शुरुआत की।(prithvi shaw vijay hazare)

  • डेब्यू टेस्ट में शतक: वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ सिर्फ 18 साल की उम्र में उन्होंने शतक जमाया।
  • क्रिकेट जगत ने उन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य मान लिया।
  • उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और स्वाभाविक शैली ने सभी को प्रभावित किया।
समस्याओं से घिरा करियर

हालांकि, शुरुआती सफलता के बाद शॉ का करियर विवादों और अस्थिर प्रदर्शन से बाधित रहा।

  • 2019: चोटों और खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर।
  • डोपिंग विवाद: उन्हें डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण 8 महीने का निलंबन झेलना पड़ा।
  • आईपीएल में संघर्ष: पिछले कुछ सत्रों में उनका प्रदर्शन अस्थिर रहा, और 2024 की नीलामी में उन्हें किसी टीम ने नहीं खरीदा।
MCA की सख्त टिप्पणी: "अपना खुद का दुश्मन"टीम में फिटनेस और अनुशासन की कमी

MCA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शॉ की फिटनेस और अनुशासन पर तीखी टिप्पणी की।

  • सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में प्रदर्शन:

    अधिकारी ने कहा कि उनकी फिटनेस इतनी खराब थी कि उन्हें फील्ड में "छिपाना" पड़ा।(prithvi shaw vijay hazare)

    • "हम 10 फील्डर्स के साथ खेल रहे थे। गेंद उनके पास से निकल जाती थी, और वह उसे पकड़ने में असमर्थ थे।"
ऑफ-फील्ड अनुशासनहीनता

शॉ के ऑफ-फील्ड रवैये ने भी टीम को निराश किया।

  • देर रात होटल लौटना और सुबह के ट्रेनिंग सेशन मिस करना आम बात बन गई थी।
  • अधिकारी ने बताया कि सीनियर खिलाड़ियों ने भी शॉ के व्यवहार की शिकायत की।
मुंबई टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर की प्रतिक्रिया

मुंबई टीम के कप्तान shreyas iyer ने शॉ को सख्त संदेश दिया।

  • "पृथ्वी शॉ को अपने वर्क एथिक्स में सुधार करने की सख्त जरूरत है। अगर वह अपने काम के प्रति ईमानदारी और मेहनत दिखाए, तो उनकी सफलता की कोई सीमा नहीं होगी।"
  • अय्यर ने यह भी स्पष्ट किया कि टीम किसी खिलाड़ी की व्यक्तिगत समस्याओं को संभालने के लिए जिम्मेदार नहीं है।
  • उनकी टिप्पणी ने साफ कर दिया कि शॉ का रवैया टीम के प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

Image Credit - BCCI | IPL | timesnownews[/caption]

पृथ्वी शॉ का प्रदर्शन: नंबर क्या कहते हैं?सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (2024)
  • मैच: 9
  • रन: 197
  • स्ट्राइक रेट: 156
  • भले ही शॉ ने कुछ प्रभावशाली पारियां खेलीं, उनकी फिटनेस और निरंतरता की कमी ने उनके योगदान को सीमित कर दिया।
आईपीएल नीलामी (2024)
  • शॉ का बेस प्राइस कम होने के बावजूद किसी टीम ने उन्हें नहीं खरीदा।
  • यह उनके गिरते करियर का सबसे बड़ा संकेत था।
करियर के लिए आगे की चुनौतियांफिटनेस और अनुशासन में सुधार की जरूरत
  • फिटनेस प्रोग्राम का पालन करना।
  • टीम की ट्रेनिंग और निर्देशों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाना।
मानसिक मजबूती का विकास
  • बाहरी दबाव और आलोचनाओं का सामना करना।
  • मैदान पर ध्यान केंद्रित रखना।
वरिष्ठ खिलाड़ियों और कोचों की सलाह पर ध्यान देना

शॉ के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने भी उन्हें फिटनेस और प्रोफेशनलिज़्म पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।

क्या पृथ्वी शॉ वापसी कर पाएंगे?

prithvi shaw vijay hazare: पृथ्वी शॉ के पास अभी भी समय है, लेकिन उनके करियर को पटरी पर लाने के लिए उन्हें तुरंत और ठोस कदम उठाने होंगे।

  • उनकी असाधारण बल्लेबाजी प्रतिभा भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य है।
  • लेकिन क्रिकेट केवल प्रतिभा का खेल नहीं है; अनुशासन, फिटनेस, और समर्पण ही सफलता की कुंजी हैं।
निष्कर्ष: समय पर लिया गया सही फैसला ही बचा सकता है करियर

पृथ्वी शॉ का संघर्ष उन सभी युवा क्रिकेटरों के लिए एक चेतावनी है जो केवल प्रतिभा के दम पर सफलता की उम्मीद करते हैं।

  • फिटनेस और अनुशासन पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य है।
  • अगर शॉ अपने रवैये में बदलाव लाते हैं, तो वह अपने करियर को फिर से ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।

क्या शॉ अपनी आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से लेकर अपनी पुरानी फॉर्म में लौट सकते हैं, या उनका करियर विवादों और असफलताओं की भेंट चढ़ जाएगा? यह सवाल समय ही बताएगा।